वाराणसी- देश में राजनीति की बिसात बिछाए जाति धर्म संस्कृति परम्परा आदि के नाम पर चाल चल रही बीजेपी का खेल अब देश में किसी से नही छिपा है। तो वही बीजेपी की यह राजनीति का घिनौना असर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में दिखने लगा है । जी हां पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लेकर अब पूर्वांचल तक की जनता में मोदी के खिलाफ भऱ भर कर गुस्सा निकल रहा है।
आपको बता दें कि संतकबीर की निर्वाण स्थली पर कबीर के 620वें प्राकट्योत्सव में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को आ रहे हैं।
लेकिन इतना बोलने के बावजूद भी पीएम मोदी के मगहर पहुचने से पहले ही बवाल मच चुका। जी हां अब पीएम मोदी का कबीर दास के प्रकट उत्सव में मगहर पहुंचना उनको ही भारी पड़ गया है। जी हां पूर्वाचल के कबीरपंथ संतो ने पीएम मोदी के खिलाफ मोर्च खोल दिया है। जिसका असर कही ना कही पीएम मोदी को मंहगा पड सकता है ।
जहां एक ओर मंहत विवेक दास ने पीएम की रैली का जम कर विरोध किया है उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री 28 को मगहर जाते है तो परंपरा टुचने से विचलित कबीर पंथियों को गुस्सा फूट पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी हमारी नही होगी। अगर मगहर में कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी नही लेंगे। मगहर में मौजुद लोंगो का इकठ्टा होंगे हंगामा भी हो सकता है। बता दें कि मंहत विवेक दास की वाराणसी के लहरतार स्थित कबीर प्राकट् स्थली है कबीर चौर स्थिक मूलगादी और संत कबीरनगर जिले मे स्थित परिनिर्वाण स्थल पर प्राकट्य उत्सव मनाया जा सकता है
तो वही दूसरी ओर पीएम मोदी की इस रैली को लेकर मंहत शिवशंकर कमल नें उनका सर्मथन देते हुए कहा कि रह कोई अपनी तरह से स्वतंत्र है कबीर साहेब की जंयती मानाने के लिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जून को सामाजिक कुरीतियों का विरोध करने वाले महान समाज सुधारक संत कबीरदास के समाधि स्थल मगहर आय है। इस दौरान यूपी के संत कबीर नगर जिले में स्थित इस स्थल पर एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इस सिलसिले में पिछले दिनों अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी आगामी प्रस्तावित मगहर यात्रा का जिक्र करते हुए कबीर और गुरू नानक के उपदेशों का जिक्र किया।
जी हां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 लोकसभा चुनाव का बिगुल ‘नरक के दरवाजे’ मगहर से बजाने वाले हैं। दरअसल, पीएम गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मगहर में संत कबीर महापरिनिर्वाण स्थली में एक रैली को संबोधित करेंगे और कबीर और उनके एकता के संदेश से जुड़ने की कोशिश करेंगे। बता दें कि कबीर ने इसी स्थली पर अंतिम सांस लेकर यह भ्रम तोड़ने की कोशिश की थी कि मगहर में मरने वाला व्यक्ति नरक में जाता है।
दरअसल ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए तो इस साल 15वीं सदी के इस महान संत की 620वीं वर्षगांठ और 500वीं पुण्यतिथि है। 2019 के लोकसभा चुनावों की आहट के बीच पीएम मोदी की यात्रा को इसी कड़ी में जोड़कर देखा जा रहा है।
लखनऊ और गोरखपुर के बीच पड़ने वाले मगहर में कबीर का समाधि स्थल और मकबरा आसपास ही स्थित हैं। यहां पीएम मोदी कबीर रीसर्च इंस्टिट्यूट की नींव भी रखेंगे। संत कबीर नगर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद शरद त्रिपाठी ने कहा है कि पीएम लगातार अभियान करते हैं। लेकिन यह संयोग है कि वह कबीर की 500वीं पुण्यतिथि पर मगहर में जनसभा करेंगे। कबीर का संदेश पीएम मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे के पीछे की प्रेरणा है।
विकास की उम्मीद…
पीएम की जनसभा से लोगों को उम्मीद जगी है कि यहां अब विकास होगा। मकबरे के केयरटेकर खादिम हुसैन अंसारी कहते हैं कि सरकार ने मगहर में स्पिनिंग मिल को दोबारा शुरू करने का वादा किया है। पीएम पहले ही 400 करोड़ का प्रॉजेक्ट मगहर के नाम कर चुके हैं। इससे मगहर का विकास होने की उम्मीद होगी।
तो वही पीएम मोदी की यह रैली काफी खास मानी जा रही है। उनकी इस रैली को लेकर भाजपा के रणनीतिकार प्रधानमंत्री की रैली को बेहद अहम मान रहे हैं। उनका कहना है कि भारत के अलग-अलग राज्यों में संत कबीर के आश्रम हैं। छत्तीसगढ़ में भी कबीरपंथियों की संख्या बहुत है, जहां अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री भले ही मगहर में बोलें लेकिन उसका संदेश छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा और मध्य प्रदेश सहित तमाम राज्यों के कबीरपंथियों तक जाएगा। ज्यादातर राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं।
कबीरपंथी भाजपा से जुड़ने की कोशिश करेंगे। गोरक्ष प्रांत के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र सिन्हा का कहना है कि देश, दुनिया में सात करोड़ से ज्यादा कबीरपंथी हैं। माना जाता है कि मगहर में गुरु गोरखनाथ, गुरु नानक देव और संत कबीरदास मिले थे। वहां कबीर धुनी है तो पास ही गुरुद्वारा बना है। गुरु गोरखनाथ के भक्त आते हैं। मजार भी है। ऐसी जगह प्रधानमंत्री की रैली का बड़ा फायदा भाजपा को मिलेगा।
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, ”सच्चा पीर संत वही है जो दूसरों की पीड़ा को जानता और समझता है, जो दूसरे के दुःख को नहीं जानते वे निष्ठुर हैं। कबीरदास जी ने सामाजिक समरसता पर विशेष जोर दिया था। वे अपने समय से बहुत आगे सोचते थे।” उन्होंने करीब का दोहा भी पढ़ा…”जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होय.. यह आपा तो डाल दे, दया करे सब कोय.” कबीर और नानक हमेशा जातिवाद के खिलाफ रहे। यह रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कबीर कहते हैं। ”जाति न पूछो साधू की, पूछ लीजिये ज्ञान। ”
तो वही संतकबीर की निर्वाण स्थली पर कबीर के 620वें प्राकट्योत्सव में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को आने से पहले ही बढते बवाल को देखते हुए उनकी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम कड़े कर दिए है उनके सुरक्षा व्यवस्था और सभा को सकुशल संपन्न कराने के लिए एडीजी सुरक्षा विजय कुमार और एडीजी कानून व्यवस्था आशुतोष पाण्डेय ने संयुक्त रूप से सभा स्थल पर मिंटिग की।
दोनों अधिकारियों ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में कहीं से कोई कोताही नहीं होने पाए। इसके लिए अपने सभी मातहतों को आवश्यक निर्देश दिया है। इसके साथ ही सभा मे आने वाली जनता को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसका भी ध्यान रखने को कहा। दोनों अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री के आने और जाने के बाद विशेष ध्यान रखा जाए। इस दौरान कमिश्नर डीके ¨सह, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक राकेश शंकर, जिलाधिकारी भूपेंद्र एस. चौधरी, पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय, अपर पुलिस अधीक्षक असित कुमार श्रीवास्तव, एडीएम रणविजय ¨सह, सीडीओ हाकिम ¨सह, एसडीएम सदर उमेश चन्द्र निगम सहित अन्य जिलों से आए अधिकारीगण मौजूद रहे।
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