कबीर न्यूज डेस्क(बिहार)-: बिहार के सीवान शहर के टाउन थाना क्षेत्र के दखिन टोला में शुक्रवार देर रात अपराधियों ने गैंगस्टर और आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के भतीजे युसूफ की गोली मारकर हत्या कर दी। युसूफ की हत्या के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। युसूफ को बेहद नजदीक से सीने में गोली मारी गई जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के करीबी रहे पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को 9 दिसंबर, 2015 को हत्या का दोषी ठहराया गया था और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। पिछले साल 30 अगस्त को उच्च न्यायालय ने उनकी सजा को बरकरार रखा था। गैंगस्टर से राजनेता बने मोहम्मद शहाबुद्दीन पर हत्या और अपहरण से संबंधित लगभग 63 मामले दर्ज भी दर्ज थे।
आपको बता दें कि सीवान के बाहुबली राजद नेता एवं पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन चर्चित तेजाब हत्याकांड के मामले में फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। शहाबुद्दीन को निचली अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इस फैसले को चुनौती देते हुए शहाबुद्दीन के वकील ने पटना उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली थी।
सीवान की एक अदालत ने इस मामले में 11 दिसंबर, 2015 को दो भाइयों की तेजाब डालकर हत्या कर देने के मामले में शहाबुद्दीन सहित चार लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। 16 अगस्त, 2004 को सीवान के व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के बेटों गिरीश, सतीश और राजीव का अपहरण किया गया था। गिरीश और सतीश की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी, जबकि राजीव उनके चंगुल से भाग निकलने में कामयाब रहा था।
जानकारी के अनुसार बता दें कि राजनीतिक गलियारों में मोहम्मद शहाबुद्दीन का नाम तब चर्चाओं में आया जब उन्होंने लालू प्रसाद यादव की छत्रछाया में जनता दल की युवा इकाई में कदम रखा। पार्टी में आते ही शहाबुद्दीन को अपनी ताकत और दबंगई का फायदा मिला।
उन्हें 1990 में विधानसभा का टिकट मिला। शहाबुद्दीन ने इस चुनाव में जीत हासिल की। उसके बाद फिर से 1995 में उन्होंने चुनाव जीता। उनके बढ़ते कद को देखते हुए पार्टी ने 1996 में उन्हें लोकसभा का टिकट दिया और शहाबुद्दीन की जीत हुई। 1997 में आरजेडी के गठन और लालू प्रसाद यादव की सरकार बन जाने से शहाबुद्दीन की ताकत और बढ़ गई थी।
गौरतलब है कि युसूफ की हत्या की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में लोग अस्पताल पहुंच कर हंगामा करने लगे। जिसके बाद पहुंची पुलिस ने मामले को नियंत्रित किया। बढ़ते हुए तनाव को देखकर पुलिस ने घटनास्थल के आसपास बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। हत्या के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल सका है। पुलिस आरोपियों की धर-पकड़ के लिए लगातार छापेमारी कर रही है।
Scripted by-Vikas Pal
View Counter (46)