
कबीर न्यूज डेस्क- भाजपा सांसद सावित्री बाई फूले ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सावित्री का कहना है कि पार्टी समाज में विभाजन पैदा कर रही है। बता दें कि सावित्री बाई फूले यूपी के बहराइच से लोकसभा पहुंची हैं। सावित्री कई बार पार्टी लाइन से हटकर बयान दे चुकी हैं। इसके अलावा वो समय-सयम पर दलितों का नाम लेकर योगी सरकार पर भी हमला बोलती रहती हैं।
बता दें कि सावित्रीबाई फुले कई मुद्दों को लेकर बीजेपी से नाराज चल रहीं थीं। सावित्रीबाई ने इस्तीफा देने के साथ ही बीजेपी पर एक बार फिर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी समाज में बंटवारे की साजिश कर रही है। एक दिन पहले ही भगवान हनुमान के विवाद में कूदते हुए सावित्रीबाई फुले ने सीएम योगी के दावों का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि हनुमान जी दलित थे। मगर एक कदम आगे बढ़कर उन्होंने यह भी कहा कि हनुमान जी मनुवादियों के गुलाम थे।
इस दौरान फुले ने दो टूक कहा कि जब तक वह जिंदा हैं, दोबारा बीजेपी में वापस नहीं लौटेंगी। साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि अपने कार्यकाल तक वह सांसद बनी रहेंगी।
बता दें कि लखनऊ में आयोजित एक प्रेसवार्ता में इस्तीफे के ऐलान के साथ ही फुले ने बीजेपी और आरएसएस पर जमकर हमला बोला। फुले ने कहा, ‘बीजेपी दलितों के विरोध में है। बाबा साहेब की प्रतिमा पूरे देश में कई जगह तोड़ी गई लेकिन तोड़नेवालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। बार-बार बीजेपी के बड़े नेता संविधान बदलने की बात कहते हैं लेकिन आज तक प्राइवेट सेक्टर में एससी-एसटी के लिए आरक्षण लागू करने का वादा नहीं निभाया गया।’
सीएम योगी के बयान पर सावित्रीबाई फुले ने बताया मनुवादियों के गुलाम थे हनुमान…
सावित्रीबाई फुले ने मंगलवार को कहा, ‘हनुमान दलित थे और मनुवादियों के गुलाम थे। अगर लोग कहते हैं कि भगवान राम हैं और उनका बेड़ा पार कराने का काम हनुमान जी ने किया था। उनमें अगर शक्ति थी तो जिन लोगों ने उनका बेड़ा पार कराने का काम किया, उन्हें बंदर क्यों बना दिया? उनको तो इंसान बनाना चाहिये था लेकिन इंसान ना बनाकर उन्हें बंदर बना दिया गया। उनको पूंछ लगा दी गई, उनके मुंह पर कालिख पोत दी गयी। चूंकि वह दलित थे इसलिये उस समय भी उनका अपमान किया गया।’
‘दलित सांसद होने के कारण मेरी उपेक्षा’…
केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए सांसद ने कहा कि काला धन विदेश से वापस लाने का वादा भी पूरा नही किया गया। मंदिर-मस्जिद का खौफ दिखाकर आपसी भाईचारा खत्म किया जा रहा है। फुले ने आरोप लगाया कि दलित सांसद होने की वजह से उनकी कभी बात नहीं सुनी गई और हमेशा उपेक्षा की गई।
‘सीट सुरक्षित नहीं होती तो मैं सांसद नहीं होती’…
इससे पहले आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी को घेरते हुए फुले ने कहा था कि वह बीजेपी की नहीं बल्कि दलित की बेटी हैं। उन्होंने कहा था कि आरक्षण खत्म होने की साजिश चल रही है। इस दौरान उन्होंने कहा था, ‘मैं सांसद नहीं बनती अगर बहराइच की सीट सुरक्षित नहीं होती। बीजेपी की मजबूरी थी कि उन्हें जिताऊ उम्मीदवार चाहिए था तो मुझे टिकट दिया गया। मैं उनकी गुलाम नहीं हूं। अगर सांसद होकर भी अपने लोगों की बात न कर सकूं तो क्या फायदा?’
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